SEBI और UPI के नए नियम 2025: निवेशकों और पॉलिसीहोल्डर्स के लिए क्या बदलेगा?

SEBI और UPI के नए नियम 2025: निवेशकों और पॉलिसीहोल्डर्स के लिए क्या बदलेगा?

1 मार्च, 2025 से भारत के वित्तीय सेक्टर में कई बड़े बदलाव लागू होंगे। SEBI के नए गाइडलाइंस Mutual Funds और Demat अकाउंट को प्रभावित करेंगे, जबकि UPI का ‘Blocked Amount’ फीचर इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान को सुरक्षित बनाएगा। आइए जानते हैं कि ये बदलाव आपके इन्वेस्टमेंट और ट्रांजैक्शन को कैसे प्रभावित करेंगे।

SEBI के नए नियम: Mutual Funds और Demat अकाउंट में Nomination प्रोसेस आसान

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों की Assets की सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनका मुख्य फोकस Nomination प्रक्रिया को स्पष्ट करना और Unclaimed Assets को कम करना है।

मुख्य बदलाव और निवेशकों पर प्रभाव

  1. Nomination विवरण अपडेट करना अनिवार्य
    • सभी मौजूदा निवेशकों को 1 मार्च, 2025 तक अपने Nomination Details अपडेट करने होंगे या Opt-Out करना होगा।
    • नए नियमों के तहत, Nominee का विवरण (PAN/Aadhaar के अंतिम चार अंक, कॉन्टैक्ट डिटेल्स, रिश्ते की स्थिति, और जन्मतिथि) देना ज़रूरी है।
  2. Nominee से जुड़ी सीमाएं
    • एक अकाउंट में अधिकतम 10 Nominees जोड़े जा सकते हैं।
    • Power of Attorney (POA) धारक Nominee नहीं बन सकते।
  3. निवेशक की मृत्यु के बाद Asset Transfer
    • Nominee Joint Account बनाए रख सकते हैं या Assets Transfer के लिए नया Personal Account खोल सकते हैं।
    • ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स: Self-Attested Death Certificate, अपडेटेड KYC, और Creditor Clearance Certificate
  4. Dispute Resolution
    • Assets से जुड़े विवादों को SEBI की भागीदारी के बिना निजी तौर पर सुलझाना होगा।
  5. Online Opt-Out सुविधा
    • निवेशक OTP या Video-Recorded Declaration के माध्यम से Nomination से बाहर निकल सकते हैं।
  6. दिव्यांग निवेशकों के लिए प्रावधान
    • दिव्यांग निवेशक (जैसे वरिष्ठ नागरिक) अपने अकाउंट मैनेज करने के लिए एक Nominee को Authorize कर सकते हैं, लेकिन Minors को छोड़कर।

UPI का ‘Blocked Amount’ फीचर: इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान अब और सुरक्षित

IRDAI के निर्देशानुसार, UPI पर Insurance-ASBA (Blocked Amount Supported Application) फीचर लॉन्च किया गया है। इसका उद्देश्य पॉलिसीहोल्डर्स के Funds को Unauthorized Deductions से सुरक्षित रखना है।

कैसे काम करेगा यह सिस्टम?

  1. प्रीमियम राशि Block करना: पॉलिसीहोल्डर्स अपने Bank Account में प्रीमियम राशि को Temporarily Block कर सकते हैं।
  2. पॉलिसी Approval के बाद PaymentBlocked Amount केवल तभी Release होगी जब इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी को Approve करती है।
  3. Rejection की स्थिति में: यदि पॉलिसी Reject होती है, तो Blocked Amount 48 घंटों में पॉलिसीहोल्डर के अकाउंट में वापस आ जाएगी।

लाभ:

  • ग्राहकों के Funds अनावश्यक रूप से Lock नहीं होंगे।
  • Digital Payments में पारदर्शिता और Trust बढ़ेगा।

निवेशकों और पॉलिसीहोल्डर्स के लिए Action Plan

  1. SEBI नियमों के लिए:
    • अपने Mutual Funds और Demat अकाउंट में Nomination Details अपडेट करें।
    • नए Document Requirements (जैसे KYC) पूरे करें।
  2. UPI Blocked Amount के लिए:
    • इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान करते समय Insurance-ASBA फीचर का उपयोग करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1. क्या Nomination से Opt-Out करना ज़रूरी है?
नहीं, लेकिन Opt-Out न करने पर अकाउंट Freeze हो सकता है।
Q2. UPI Blocked Amount का उपयोग कैसे करें?
इंश्योरेंस कंपनी के App या Website पर ‘Insurance-ASBA’ ऑप्शन चुनें।
Q3. क्या ये नियम सभी Insurance Policies पर लागू होते हैं?
हां, Life Insurance और Health Insurance दोनों शामिल हैं।

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